संत जोसेफ इंटर महाविद्यालय रोमन कैथोलिक अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित संस्था है | इसकी स्थापना 16.08.1978 ई० में रेभ. फादर जोसेफ मिंज के द्वारा की गयी | तत्कालीन माननीय विधायक स्वर्गीय सुशील कुमार बागे के कर कमलों द्वारा तोरपा पल्ली यू० पी० स्कूल के प्रांगण में इसका शुभारम्भ हुआ | इस अवसर पर शासी निकाय के सदस्य स्व० मार्शल हेमरोम, स्व० लियेन्द्र तिडू, श्री पौलुस भेंगरा, स्व० जोन हेमरोम, श्री पतरस गुड़िया, श्री पेत्रुस भेंगरा, स्व० डा० समुएल देमता, शिक्षक श्री पौलुस कुल्लू,श्री जगन्नाथ महतो एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी स्व० सिलास गुड़िया एवं श्री मिखाएल तोपनो उपस्थित थे | मात्र 72 विद्यार्थियों से सहशिक्षा के अभियान का शुभारम्भ हुआ |
सर्वप्रथम सन् 1978 ई० को तोरपा के काथलिक सभा में रेभ० फा० जोसेफ मिंज ने तोरपा में कॉलेज खोलने की बाट रखी जिस पर चर्चा हुई | सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ | उस समय काथलिक सभा कमिटी में सभापति स्व० डा० समुएल देमता, शिक्षक पतरस गुड़िया एवं लेओ गुड़िया थे | रेभ० फा० मोरिस बा: पल्ली पुरोहित थे | सन् 1978 ई० में ही पुरे खूँटी भिखरिएट के काथलिक सभा में पत्राचार हुआ | प्रत्येक परिवार से 10 रू० अनुदान मांगा गया | उस समय कुल 1400 परिवार थे | प्रत्येक परिवार से रुपये, मुर्गियां एवं अनाज के रूप में यथासंभव योगदान दिया गया |
इस महाविद्यालय का नारा ही है "दीप जले" ज्ञान का दीप जो सम्पूर्ण समाज को ज्योतिर्मय करे |
सन् 1982 में कॉलेज का प्रथम बैच स्नातक की परीक्षा में सम्मिलित हुआ जो की गृह केन्द्र तोरपा में संत जोसेफ कॉलेज में ही संपन्न हुआ | सन् 1982 - 1984 में महाविद्यालय की कुछ कक्षाएँ संत जोसेफ हाई स्कूल के बिंग में तथा संत अन्ना हाई स्कूल के एक रूम जो वर्तमान संत तेरेसा मिडिल स्कूल है, में होती थी
सन् 1983 से संत जोसेफ कॉलेज दो भागों में बंट गया :-